गीली माटी का पुराना सोंधापन
नया होकर फिर पुराना हो गया है.
माँ का पीला जार्जेट का दुपट्टा भी,
वापस फैशन में आकर चला गया.
लाल गुलाबों से भी मन ऊब गया
और उनकी रिप्लेसमेंट ट्यूनीशिया से भी.
सफ़ेद साड़ी मनहूस से सेक्सी और फिर
फीकी बनकर कब गयी, पता भी नहीं चला.
गोरा रंग टैन होकर फिर गोरा हो गया
सेन्टीमेंटीलिज्म अटरैक्ट करने के बाद
अब चेपक सा हो गया है.
मानो ज़िन्दगी में कुछ नया बचा ही न हो,
जैसे सब कुछ एक दोहराव सा है.
बोरिंग है.
love the white saree imagery. Awesome! :)
ReplyDeleteThank you!!!
ReplyDelete:)