Tuesday, March 6, 2012

छब्बीस जनवरी







आज वो नया सूट पहन कर आई.


पूछा, क्यों री! आज जन्मदिन है तेरा?


वो बोली, नहीं, आज छब्बीस जनवरी है ना


बाबा कहता था आज हम आज़ाद हुए थे.


झाड़ू पोंछा कर के जाने लगी तो पूछा,


अब कहाँ चली?


"सरकारी स्कूल! लड्डू लेने


आज छब्बीस जनवरी है ना


आज हम आज़ाद हुए थे ना!"

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